आसमां से उतर पनघट में चांदनी देर रात नहाती है। आसमां से उतर पनघट में चांदनी देर रात नहाती है।
पर अपनी धरती पुकारती थी कुछ करेंगे हम, ये निहारती थी पर अपनी धरती पुकारती थी कुछ करेंगे हम, ये निहारती थी